अंधविश्वास में व्यक्ति आलौकिक शक्तियों में विश्वास करता है। शक्तियों के अस्तित्व में विश्वास रखता है, जो कि प्रकृति के नियमों की पुष्टि नहीं करता है और न ही ब्रह्मांड की वैज्ञानिक समझ रखता है। अंधविश्वास व्यापक रूप से फैला हुआ है। आलौकिक प्रभाव में तर्कहीन विश्वास होता है। अंधविश्वास एक ऐसा विश्वास है, जिसका कोई उचित कारण नहीं होता है। एक छोटा बच्चा अपने घर, परिवार एवं समाज में जिन परंपराओं, मान्यताओं को बचपन से देखता एवं सुनता आ रहा होता है, वह भी उन्हीं का अक्षरशः पालन करने लगता है। यह अंधविश्वास उसके मन-मस्तिष्क में इतना गहरा असर छोड़ देता है कि जीवनभर वह इन अंधविश्वासों से बाहर नहीं आ पाता। अंधविश्वास अधिकतर कमजोर व्यक्तित्व, कमजोर मनोविज्ञान एवं कमजोर मानसिकता के लोगों में देखने को मिलता है। जीवन में असफल रहे लोग अधिकतर अंधविश्वास में विश्वास रखने लगते हैं एवं ऐसा मानते हैं कि इन अंधविश्वासों को मानने एवं इन पर चलने से ही शायद वह सफल हो जाएं। विभिन्न प्रकार के अंधविश्वास आमतौर पर समाज में देखने को मिलते हैं |